इस टेडीबियर को किसी ने फेंक दिया था... अगर उसमें भावनाएं होती हो उसे कैसा लगता? इसे समझाने के लिए मेरी लिखी एक हुई छोटिसी काल्पनिक कहानी... उम्मीद है आपको पसंद आएगी...😊
Photo: 2nd April 2019, Opp. SST College' fountain |
बाजार से उसने मुझे बड़े प्यार से घर लाया। मेरे लिए एक अच्छी सी जगह अपने कमरे दी। वह मेरे साथ बहुत खेलती थी, मुझसे बातें करती थी और मैं बस खामोश रहकर उसकी बातें सुनता था। मैं उसको कुछ जवाब तो नहीं दे पाता था लेकिन उसको पूरी तरह से महसूस करता था। वह मुझे प्यार से मारती थी मुझे उठाकर पटकती थी मुझे बहुत सताती थी लेकिन बाद में प्यार भी करती थी। और मैं बस उसके प्यार में सब कुछ हंसी खुशी बर्दाश्त करता जाता था। भले ही मेरे में जान नहीं थी, पर इतने दिन साथ रहकर ना जाने कहां से मेरे दिल में उसके लिए प्यार जाग गया। लेकिन क्या करता हूं तो मैं एक खिलौना ही ना। लेकिन फिर मैंने सोचा ठीक है मैं खिलौना हूं, मैं उससे प्यार नहीं कर सकता लेकिन वह तो मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करती है। मेरा साथ कभी नहीं छोड़ेगी बस यही सोच कर उसे उसके हमसफर के साथ देख कर मैं अकेला जिए जा रहा था।
एक दिन अचानक उसको क्या हुआ मुझे पता ही नहीं चला। उसने यह कहकर मुझे कचरे के डब्बे में फेंक दिया कि अब या खिलौना पुराना हो चुका है इसकी हमें कोई जरूरत नहीं। उसकी यह बातें सुनकर मुझे बहुत बड़ा सदमा लगा। की क्या यह वही लड़की है जो मुझसे घंटों तक अकेले में बातें करती थी, जो मुझे गोद में लेकर सोती थी, जो मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती थी, जो मुझसे सारी बातें साझा करती थी, मेरे साथ अपना सुख- दुःख बाटती थी, जो हमेशा मुझे साथ लेकर जाती थी। आज न जाने उसे क्या हो गया की उसने मुझे अपने से इतना दूर कर दिया।
मैं उससे मैं कह नहीं सकता की मुझे अपने से दूर ना करना भले मुझे किसी कोने में रख देना लेकिन तुम्हारे बगैर मैं जी नहीं सकता। काश काश भगवान इस रूई के खिलौने में कुछ देर के लिए जान भर दे और मैं उसे कह सकू की, मुझे अपने से दूर मत करना। लेकिन मैं कमबख्त मै हूं तो एक निष्प्राण खिलौना, मुझ में इतनी भी शक्ति नहीं कि अपने दुख को व्यक्त करने के लिए आंसू बहा सकू। उसने मुझसे पहले बेइंतहा मोहब्बत की फिर मैं भी उसको अपना दिल दे बैठाऔर अब उसने एक झटके में मुझे अपने से दूर कर दिया। अब मेरे जीने का कोई मतलब नहीं रहा जिसको मैं अपना जीवन समझ रहा था उसी ने मुझे ठुकराया। लेकिन कमबख्त मुझ में इतनी शक्ति भी नहीं कि मैं आत्महत्या कर सकू। अभी फिलहाल दो दिन से में किसी तालाब में यूहीं पड़ा हूं। ना ठीक से जी पा रहा हूं और ना ही मर रहा हूं बस यूं ही उसकी याद में तड़प रहा हूं। सब कुछ खत्म हो गया है बस एक बार उसे देख कर ना जीवन समाप्त करना चाहता हूं।जाते जाते मैं बस इसी सोच में पड़ा हूं की, ख़ुदा ने इंसान को बनाया और इंसान ने मुझे बनाया। मुझमें तो प्यार की भावनाएं जाग उठी लेकिन इंसान की भावनाएं क्यों मर रही है। अगर इंसान ऐसा ही होता है तो में शुक्रियादा करता हूं उस खुदा का जिसने मुझमें प्राण नहीं दिए। बस अब उसी ख़ुदा से यही दुआ है कि मेरे अंदर के भावनाओं को भी यमराज के पास बुला ले। क्योंकि जब तक मेरे दिल में लिए प्यार है तब तक मैं ऐसेही तड़पता रहूंगा लेकिन मेरा रूई का बदन देखकर किसी को मेरी तड़प भी नहीं दिखाई देगी।
ऐ ख़ुदा मुझपे एहसान कर और अपने फरिश्तों को भेजकर मुझे अपने पास बुला ले। और उस लड़की को कुछ मत कहना क्योंकि उसके साथ बिताए हुए वह पल इतने हसीन थे कि मैं वह कभी नहीं भूल सकता। उसे लंबी उमर देना उसे खुश रखना बस यही दुआ है मेरी कि वह जहां भी जाए हमेशा बस मुस्कुराती रहें।
- तुम्हारा Teddy🐻
Best blog nice story
ReplyDeleteThanks frnd...😊
DeleteKhup rdayla aal mla tr😭
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